Monday, 8 June 2020

महामारी के दौरान अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाए रखें?

महामारी के दौरान अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाए रखें?

इस बात में रत्ती भर भी शक नहीं है कि महामारी के इस दौर में मानसिक तनाव हो सकता है.

हो सकता है कि आपको बेचैनी महसूस हो रही हो, आप तनाव महसूस कर रहे हों, परेशान हो रहे हों, दुखी हों, अकेला महसूस कर रहे हों.

इसके लिए ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस ने दस टिप्स दिए हैं जिससे आप अपने मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रख सकते हैं.

- अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ फ़ोन, वीडियो कॉल या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में बने रहें.

- उन चीज़ों के बारे में बात करते रहें जिससे आपको परेशानी हो रही हो.

- दूसरे लोगों को भी समझने की कोशिश करें.

- अपनी नई दिनचर्या को व्यवहारिक तरीक़े से प्लान करें.

अपने शरीर का ध्यान रखें. नियमित व्यायाम और ख़ान-पान का ध्यान रखें.

- आप जहां से भी जानकारियां ले रहे हों वो क्रेडिबल सोर्स हो और इस महामारी के बारे में बहुत अधिक ना पढ़ें.

- अपने व्यवहार को अपने नियंत्रण में रखें.

- अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखें.

- वर्तमान पर फ़ोकस करें और यह याद रखें कि यह समय चिर-स्थायी नहीं है.

- अपनी नींद को किसी भी तरह से बाधित ना होने दें.

Saturday, 30 May 2020

Ways to cope during self-isolation,Pay attention to your thoughts,Connect ,Make it a priority to keep in touch with loved ones, and maybe even get back in touch with people you've lost contact with.

      वायरस( Coronavirus) के खतरे को देखते हुए देश में लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है। जिसके कारण सभी लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में लोगों को फैमिली के साथ कोरोनाटाइम स्पेंड but It is a time of uncertainty, confusion and frustration. No matter who you are, you’ll have been affected by our current climate. Weddings have been cancelled, lives have been lost. Around the world, hospitals are at their limits and key workers are working themselves to the ground. Whoever you are, however you are feeling, know that it’s OK to be confused. It’s OK to feel angry, sad, worried and seemingly completely fine, all at the same time. This is new for all of us.

Ways to cope during self-isolation

One of the most effective ways of managing these feelings is to breathe.

Pay attention to your thoughts

The idea is to bring your attention to the present moment, rather than being lost in your thoughts.

Connect -Make it a priority to keep in touch with loved ones, and maybe even get back in touch with people you've lost contact with.

Be kind :be as kind to yourself as you possibly can.

Friday, 29 May 2020

सुख-शांति भरा जीवन जीना है तो अवश्य करें ये उपाय. (धर्म व सत्य की सदैव रक्षा करते हैं भगवान श्रीकृष्ण.ऐसे करें श्री कृष्ण की आराधना, दूर होंगे सभी संकट.)Ghar Me Sukh Shanti ke Upaye. (How to Get Peace Happiness at Home in Hindi)

हर कोई चाहता है कि वो ऐसा जीवन जिए जो कष्ट, क्लेश, दुर्घटना से मुक्त होकर, धन-धान्य, सुख-शांति से भरपूर हो। ऐसे जीवन के लिए जरूरी है कि व्यक्ति सदाचारी जीवन का पालन करें। सनातन धर्म में ऐसी सुखी-समृद्ध जीवन के लिए बताया गया है कि मनुष्य को चाहिए कि वो- 
*अपने धर्मं का पालन करें। 
 
* मंदिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं।
 
* माता-पिता और गुरु जनों का सम्मान करें। 
 
* भाई-बंधुओं से अच्छे संबंध बनाकर रखें।

*कर्म ठीक रखे। 
 
* घर में बड़ों के आशीर्वाद लेने से, उनकी सेवा करने से संतान सुख की प्राप्ति होगी। 

      घर को मंदिर की संज्ञा दी गई है और घर के वातावरण का आपके आम जीवन और दिनचर्या पर अवश्य पड़ता है। ऐसे में यदि घर-परिवार का वातावरण अनुकूल नहीं हो, तब वह प्रत्येक सदस्य के जीवन को प्रभावित करता है। यदि आपके घर में किसी भी कारण से सुख शांति नहीं रह पा रही हैl

श्रीकृष्ण ग्रामीण संस्कृति के पोषक बने हैं। उन्होंने अपने समय में गायों को अभूतपूर्व सम्मान दिया। वे गायों एवं ग्वालों के स्वास्थ्य, उनके खान-पान को लेकर सजग हैं। उन्होंने जहां ग्वालों की मेहनत से निकाला गया माखन और दूध-दही को स्वास्थ्य रक्षक के रूप में प्रतिष्ठित किया वही इन अमूल्य चीजों को ‘कर’ के रूप में कंस को देने से रोका। वे चाहते थे कि इन चीजों का उपभोग गांवों में ही हो। श्रीकृष्ण का माखनचोर वाला रूप दरअसल निरंकुश सत्ता को सीधे चुनौती तो था ही, लेकिन साथ ही साथ ग्रामीण संस्कृति को प्रोत्साहन देना भी था।

मंत्र' का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना। यदि अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है। आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं।

क्लेशनाशक मंत्र : ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम। या कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥

 

 

Wednesday, 27 May 2020

Covid-19:लॉकडाउन में बढ़ गया है तनाव तो संगीत की मदद से ऐसे करें दूर.How music became a therapeutic companion in the times of COVID-19.

कोरोना का संकट दुनिया भर के लोग झेल रहे हैं। कुछ लोग कल को लेकर तनाव में हैं। मनोविशेषज्ञों की सलाह है कि अगर आप घर में बंद रहने को मजबूर हैं, तो घबराएं नहीं, बल्कि कुछ तरीकों को अपना कर आप पल भर में बेहतर महसूस कर सकते हैं। 

जब भी आपको उदासी और घबराहट महसूस हो, किसी शांत जगह पर बैठें और गहरी सांसें लें। फिर कोई पसंद का संगीत सुनें। इससे दिमाग में कुछ ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जिनसे शीघ्र ही अच्छा महसूस होने लगता है। विज्ञान ने भी माना है कि ऐसे समय में संगीत का मन पर बहुत ही सकारात्मक असर होता है। 

इसलिए उदासी महसूस हो, तो कोई बढ़िया संगीत सुनें। संगीत से दिमाग में एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है, जिससे उत्साह की भावना जगती है। ब्रिटिश एकेडमी ऑफ साउंड थेरेपी वर्षों से चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए संगीत सुनने के लाभकारी प्रभावों का अध्ययन कर रही है और उन्होंने पाया है कि महज 13 मिनट संगीत सुनना तनाव दूर कर सकता है।

    Music is scientifically                                  proven to have a stimulating effect on the brain, the body and even the emotional aspects of human beings, a dependable source of catharsis and comfort. On top of the charts during this pandemic are ‘balcony concerts’, which have been a big hit in countries.

we all have a common language of love which is best expressed in music.

Tuesday, 26 May 2020

COVID-19 will bring with it a crisis of loneliness — and to solve it, we’re going to have to get creative.Coronavirus may have long-term social behavior effect.How Is the Coronavirus Outbreak Affecting Your Life?

What is social distancing?

Put simply, the idea is to maintain a distance between you and other people — in this case, at least six feet.

This strategy saved thousands of lives both during the Spanish flu pandemic of 1918 and, more recently, in Mexico City during the 2009 flu pandemic.

 The coronavirus has changed how we workplay and learn: Schools are closing, sports leagues have been canceled, and many people have been asked to work from home.

As the pandemic becomes a bigger and bigger part of daily life, researchers are warning of changes in how we think, behave and relate to one another.
This crisis may be unprecedented, but there are always patterns in how humans behave when thrust into long periods of isolation and danger.
Large gatherings are going to be rare. Many weddings, sporting events or concerts would be ruled out. And a full return to commuting by public transit will also be delayed. Malls, gyms, restaurants, bars and places of worship, the list is endless.
People may struggle to regulate their emotions, finding anger and panic come more easily. There could be upticks in insomnia and substance abuse.
Feelings of isolation and loneliness can increase the likelihood of depression, high blood pressure, and death from heart disease. They can also affect the immune system’s ability to fight infection — a fact that’s especially relevant during a pandemic. Studies have shown that loneliness can activate our fight-or-flight function, causing chronic inflammation and reducing the body’s ability to defend itself from viruses.

Monday, 25 May 2020

Stress and life: खुद को आशा और आस्‍थावान बनाइए. जो जीवन में आशा, आस...

Stress and life: खुद को आशा और आस्‍थावान बनाइए. जो जीवन में आशा, आस...:            अक्‍सर हम यह मानकर चलते हैं कि तनाव एक मानिसक गति‍विधि है, जिसका असर हमारे दिमाग पर अधिक होता है, शरीर पर कम. लेकिन...

खुद को आशा और आस्‍थावान बनाइए. जो जीवन में आशा, आस्‍था से भरा है, उसकी नजर आज पर नहीं कल पर होतीl

        अक्‍सर हम यह मानकर चलते हैं कि तनाव एक मानिसक गति‍विधि है, जिसका असर हमारे दिमाग पर अधिक होता है, शरीर पर कम. लेकिन कोरा भ्रम है. बल्कि उल्‍टा है. तनाव आता मन के रास्‍ते है, ठहरता दिमाग में है, लेकिन शरीर इस दुर्घटना का सबसे बड़ा शिकार बनता है. दिन पहले एक सुपरिचित डॉक्‍टर ने मुझे बताया था कि इन दिनों आंखों से लेकर पेट, शरीर की अधिकांश बीमारियों का कारण तनाव से शुरू होता है. तनाव सही समय पर पहचान करने पर ही संभव है कि इससे आसानी से निपटा जा सके, ऐसा होने पर जरा सी चूक भी जीवन तबाह कर सकती है.    (The definition of "as you sowso you shall reap" is: if you did bad things in the past, youwill get bad results in the future. if you did good things in the past, you will get good results in the future. "as you sowso you shall reapmeans. )

एेसे पता करें तनाव
-एेसे व्यक्ति किसी भी काम में दिलचस्पी नहीं लेता अपने ही ख्यालो ंमें खोया रहता है

-व्यक्ति को नींद नहीं आ रही हो। रात के समय वह जागकर बिता रहा हो
-व्यक्ति के व्यवहार में अचानक बदलाव आ जाता है, वह कम बातचीत करता है। अपने ही ख्यालों में खोया रहता है

-गुमसुम रहने लगता है। छोटी-छोटी बातों पर चिढ जाता हो
यह करें उपाए

-बच्चों के साथ माता-पिता ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करें। उनकी बात को ध्यानपूर्वक सुने और समझे
-बच्चा अगर फैल हो जाए तो उसे डांटे नहीं बल्कि उसे बेहतर तरीके से समझाएं

-अगर घर में कोई झगड़ा हो गया हो तो उसे बढने न दे घर में ही सुलझा ले

(श्रीकृष्ण। वे हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाईl)